कब मिलेगा न्यायः भटक रही शहीद की पत्नी, दंबगों ने कब्जाई जमीन, प्रशासन ने फेरी आंखे

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कब मिलेगा न्यायः भटक रही शहीद की पत्नी, दंबगों ने कब्जाई जमीन, प्रशासन ने फेरी आंखे

मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार(Shivraj government) ने शहीद जवानों की शहदत पर उनके परिवार को 1 करोड़ रुपए की सम्मान राशि (honor amount) और परिजन को सरकारी नौकरी देने की पॉलिसी लागू की है लेकिन वही दूसरी तरफ भिंड जिले प्रशासन की मनमानी की वजह से 1971 के भारत पाक युध्द के वीर शहीद रामलखन गोयल (Ramlakhan Goel) का परिवार आज भी अपनी जमीन हासिल करने के लिए दर दर की ठोकरे खा रहा है। केंद्र सरकार औऱ राज्य सरकार ने भी भिंड जिला प्रशासन को शहीद परिवार को न्याय दिए जाने के आदेश दिए है। लेकिन जिला प्रशासन लगातार इन आदेशो की अव्हेलना कर रहा है। 1971 मे हुए भारत पाक युध्द (Indo Pak war) में पाकिस्तान को भारत से करारी हार का समाना करना पड़ा था। करीब 13 दिन चले इस युध्द में 16 दिसंबर को पाकिस्तान की सेना ने भारत के सामने सरेंडर (surrender) कर दिया था। इस युध्द में भारत के करीब 12 हजार सैनिक घायल (soldier injured) हुए थे औऱ 3 हजार शहीद हुए थे। जिसमे भिंड के वीर शहीद राम लखन गोयल भी शामिल थे। आज उसी शहीद का परिवार अपनी जमीन को पाने के लिए दबंगों के साथ सरकारी महकमे के अफसरों से जंग लड रहा है

1971 भारत पाक युध्द में शहीद हुए थे राम लखन गोयल

भिंड के वीर शहीद राम लखन गोयल गार्ड्समेन (guardsmen के रुप में भारतीय सेना में शामिल हुए थे। इसके तीन साल बाद ही 1971 में भारत पाकिस्तान के बीच जंग शुरु हो गई। जिसमें भिंड जिले के 22 जवान शहीद हुए थे उसमें शहीद राम लखन का नाम भी शामिल था अपने पीछे राम लखन पत्नी (wife) के साथ 6 माह के बेटे को छोड़ गए थे। राम लखन गोयल इस युध्द में शहीद हुए उन शहीदों में शामिल थे जिनकी पार्थिव देह घर तक नही पहुंची थी। परिवार को सिर्फ उनकी शहादत का टेलीग्राम (telegram) मिला था।  

सरकार की तरफ से मिला था मकान औऱ दो हजार

शहीद राम लखन यादव की पत्नी लीला कुमारी बताती है की पति के जाने के बाद तत्काली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Prime Minister Indira Gandhi) ने आकर उन्हे दो हजार रुपए दिए थे। साथ ही 135 रुपये की पेंशन और एक मकान सरकारी मदद के रुप में दिया था। उसके बाद से आज तक किसी तरह की कोई सरकारी मदद उन्हे नही मिली। 

SDM कोर्ट ने फैसला दबंगो के पक्ष मे दिया

लीला कुमारी (Leela Kumari) का कहना है बबेड़ी गाब में उनकी पुस्तैनी जमीन है जिस पर गांव के दबंगों ने कब्जा कर लिया है। कई सालों से वो अपनी जमीन पाने के कई साल से कानूनी लड़ाई लड़ रही है। तहसील कोर्ट से केस जीतने के बाद हमने जमीन का टेक्स भी चुकाया। लेकिन दबंगों ने एसडीएम (SDM) कोर्ट में तहसील कोर्ट के फैसले को चुनौती दे दी जहां एसडीएम ने फैसला दबंगों के पक्ष मे दे दिया 

केंद्र और राज्य सरकार के आदेश नही मान रहे अधिकारी

शहीद की पत्नी लीला कुमारी ने अपनी जमीन को पाने के लिए पर जिम्मेदार  अधिकारी से न्याय की गुहार लगा चुकी है। इसके अलावा देथ के तत्काली रक्षामंत्री पर्रिकर मनोहर (Manohar Parrikar) को भी पत्र लिख कर मदद की अपील कर चुकी है। जिस पर रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence)  के द्वारा एसडीएम कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने और पीड़ित को उसकी जमीन वापस दिए जाने के आदेश दिए थे। लीला कुमारी भोपाल जा कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान में भी मिल चुकी है। CM ने मुलाकात के बाद भिंड जिला प्रशासन को तत्काल कार्रवाई कर लीला कुमारी को जमीन वापस किए जाने की प्रकिया शुरु करने के आदेश दिए थे लेकिन अधिकारियों ने CM के आदेश को नही माना। प्रशासन ने शहीद पति के नाम पर दिल्ली सरकार (Delhi Govt) द्वारा स्वीकृत पेट्रोल पंप को भी रद्द कर दिया था 

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